शेयर बाजार घोटालो पर बनी वेबसीरीजज स्कैम 1992 आज कल कल चर्चे मे है इस घोटले मे 90 के दसक के सबसे बड़े अभिनेता हर्षित मेहता की जिंदगी की सच्ची कहानी दर्शाई गई है🧐🧐🧐
हर्षत मेहता को उनके समय का स्टॉक मार्केट का बेताज बादशाह ने कहा था कि लोग हर्षत को स्टॉक मार्केट के अमिताभ कहकर भी बुलाये थे उनके बारे मे मे एक बात सुनकर थी की ओ जिस भी शेयर को छू लेना ओ सेना ban जाता था।
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लोगो को जब पता चला की लोग जिसे स्टॉक मार्केट का भगवान समझ बैठे हुए मे को वह एक बहुत बड़ा गेंदबाज था और उनके पैरो के नीचे से जमीन खिसक गई हर्षतों मेहता ने लगभग 5000 करोड़ का स्कला किया था जो भारत के स्टॉक मार्केट मे हुआ बड़ा स्कला माना जाता है
29 जुलाई 1994🧐🧐
गुजरात के पेलि मोती मे रहने वाले एक छोटे से चरित्र परिवार मे हर्षित मेहता का जन्म हुआ उनकै जन्म के कुछ समय के बाद ही पिता संतिलाल मेहता मुंबई शिफ्ट हो गए उन्होंने कपड़ा का छोटा सा बिजनेस बारी किया।😎
काफी कोसिस करने के बाद भी ये व्यापार नहीं चल पाया जिसके कारण उसकी फैमिली छत्तीसगढ़ के रायपुर मे शिफ्ट हो गई हर्षतों ने अपनी पडाई है जो शुरू की हर्षित को क्रिकेट का बहुत शोक था जिसके कारण वह अपनी पर मे कुछ कुछ कर रही थी🤠
स्कूल की पर खतम होने के बाद हर्षित कॉलेज के लिए एक बार फिर से मुंबई शिफ्ट हो गए और साल 1970 मे हर्षतों ने लाल लाजपत राय से बी। कॉम की डिग्री हासिल की कॉलेज की पडाई के साथ साथ हर्षतों ने छोटी मोटि नोकरिया भी करना शुरू कर दिया था जिसमें सिम्मेंट और होजायरी के साथ हीरे चुनने का भी काम था और 8 साल तक इस ही प्रकार की नोकार्पी करता रहा।
मित्रो हर्षित की एंट्री स्टॉक मार्केट मे उस समय हुआ जब उन्होंने न्यू इंडिया असॉरेंस कंपनी मे काम करना शुरू किया इस कंपनी मे काम करते हुए उनकी इच्छा स्टॉक मार्केट मे बनाने शुरू की
वर्ष 1981 मे हर्षतों ने इस नौकरी को छोड़ कर जीवंदस नेमीदास सेकुरिटी नामक ब्रॉकरेज फर्म को जॉइन कर ली इस ब्रॉकरेज फर्म मे काम करते हुए उन्होंने जीवंदस् को अपना गुरु मान लिया और उसी पर स्टॉक मार्केट के पेट्रे पढ़ते रहे स्टॉक मार्केट मे दृश्यों और बहुत तेज दिमाग होने के कारण हर्षित बहुत जल्दी ही स्टॉक मार्केट की सभी बरीकोयो को समज गए
वर्ष 1984 मे स्टॉक मार्केट की सभी भरकियो को समज़ने के बाद हर्षित ने अपने भाई के साथ मिलर ग्रो एंड मोर असेसमेंट को कंपनी शुरू की और साथ ही मे बॉम्बे स्टॉक ब्रॉकेन मे मेंबरशिप ले ली।
यही से हर्षित मेहता को स्टॉक मार्केट का बादशाह भारत का सबसे बड़ा लेखक बनने का सफर शुरू हुआ
वर्ष 1982-1990 तक केवल 6 साल मे ही हर्षत् की कंपनी स्टॉक मार्केट की सबसे बड़ी कंपनियों मे सामिल हो गई हर्षत इस जबरदस्त सफलता के लिए हर समय पत्र और मागज़िन मेँचे रहते थे देश और दुनिया के बड़े बड़े लोग उनसे मिलने के लिए तरसते थे। थे
उनके 1550 शक फिट के प्लान हाउस और बेहद खूबसूरत गाड़ियों ने उन्हे एक बाद सेलेब्रिटी बना दिया था हर्षित जो भी शेयर को छूने वाला था उनकी कीमत आसमा पर पोहोच जाती थी हर्षत भी बहुत कंपनी पर पैसे लेता उनकी कीमतों के पॉश पर पोहोच जाती थी जिससे उन्हे करोडो रूपयो का फायदा होता था
और या कारण की की हर्षत् कमियाबी की उन उचायो पर पहुँच गया था जाचने की लोग कल्पना भी नहीं कर सकते जहाँ जहाँ हो हर्षत की कमियाबी और अदभुत ज्ञान को देखकर भी हैरान थे की आखिर की व्यक्ति सही सही कैसे हो सकता है और लोगो के साथ यही सवाल सीधे हर्षत् को आसमां से जमीं पर लाकर पटक दिया
क्योकि साल 1992 मे दुनिया के सामने हर्षत् के घोटालो का पर्दा पास हो गया और उन्हे गिरफतार लिया गया
23 अप्रिल 1992 के दिन के भारत के पत्रकार चिह्नित दलाल ने अपनी कॉलम मे हर्षत् के इन घोटालो का पर्दा फ़ास किया सूचिता की इस रिपोर्ट के बाद हर्षत् मेहता के खिलाफ सबूत आने शुरू हो गए और एक के बाद एक सभी कोोटालो को उजागर फ़ास होता है। उनका खिलाप 650 सिविल सूट और 70 आपराधिक मामले दर्ज किए गए जिसके लिए उन्हे और उसके भाईयो को 9 नवंबर 1996 को गिरफतार कर लिया गया।
अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह था की हर्षतों मेहता इतना बड़ा स्कैम करने मे कमियाब कैसे हुआ और वह कौन सा तरीका था जिससे उसने इस लेखन को अंजाम दिया था ये सभी सवालो के जवाब पत्रिका सुचिका अपने कॉलम मे दिए थे सुचिता ने बताया था की हर्षित उनमे बैंक की कमिया ढूंढ कर इसमे खुद को फायदा पोहचाने के लिए गलत रूप से किया गया था
साफ शब्दो मे यह कहे की हर्षतों इस स्कैम को अंजाम देने के लिए रेडी ग्रोवेद डेल का इस्तेमाल करता करता था था हर्षत कई बैंको से दूसरे बैंको के नाम पर लोन ले लेता था लेकिन मार्केट मे अचानक मंदी आने के कारण शेयर मार्केट में काफी तेजी से गिरता है। गया जिसके कारण हर्षित मेहता को करोड़ो रुपयो का नुकसान हुआ और उस समय सुचिता दलाल ने इस प्रकाशन से हर्षत् का पर्दा हटा दिया इस प्रकाशन का पूरी तरह सामने आने के बाद पता चला की यार लगभग 5000 करोड़ का स्कला था।
जो इस समय के हिसाब से बड़ी रकम थी और इस स्कैम के सामने आने के बाद स्टॉक मार्केट बुरी तरह क्रेक हो गया जहां कई लोगो का करोडो रुपया नुकसान हो गया था बताया गया है की कई लोगों ने इस नुकसान के कारण कोसाइड भी किया था विजय बैंक के चियर्मेंन भी समोल थे हलकी हर्षतों को गिराने करने के बाद उनपर बहुत से अलग अलग मुकदमे चले गए।
लेकिन हर्षत् की मौत होने तक हर्षत् को एक ही कैस मे दोसी पाया गया जिसके लिए हर्षित को 5 साल की सजा सुनाई गई थी हर्षत मेहता को महाराष्ट्र की थाने जेल मे कैद किया गया था जहां 31 डिस्से 2001 की रात को हर्षित को सीने मे दर्द हुआ होने की समस्या हुई और रात के लगभग 12:30 बजे 45 साल की उम्र मे उनकी मृत्यु हो गयी
आज हर्षत् मेहता द्वार किए गए इस स्कैम को लगभग 30 साल बीत चुके हैं लेकिन आज भी यह स्टॉक मार्केट का सबसे बाद स्कैम माना जाता है इस सच्चाई को हमने आपको तक पहुंचाया और अब आप इसकी सच्चाई को सभी सोशल नेटवर्क पर साझा करें
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